भील जनजाति

  भील जनजाति भील जनजाति भारत की प्रमुख आदिवासी जनजातियों में से एक है। ये जनजाति मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, अंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में निवास करती है। भील जनजाति की अपनी विशेष सांस्कृतिक विरासत और परंपराएं हैं, जो उन्हें अन्य जनजातियों से अलग बनाती हैं। भील लोगों की जीवनशैली मुख्य रूप से गांवों में आधारित है। उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि है, लेकिन वे धान, गेहूं, जोवार, बाजरा, राजमा, और तिलहन जैसी फसलों की खेती करते हैं। इसके अलावा, उनका आर्थिक स्रोत है चिड़िया पकड़ना, जंगल से लकड़ी की खाद्य सामग्री तथा वन्यजीवों का शिकार करना। भील जनजाति की सामाजिक संरचना मुख्य रूप से समाजवादी है, जिसमें समानता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा, भील समुदाय में सांस्कृतिक गाने, नृत्य, और रंगमंच कला की अमूल्य धरोहर है। हालांकि, भील जनजाति के लोगों को अपनी शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सुधार की जरूरत है। सरकार को उनके विकास के लिए उपयुक्त योजनाओं की शुरुआत करनी चाहिए ताकी भील समुदाय के लोगों को समृद्धि और समानता का मार्ग प्र सशस्‍त ह

मेरी कहानी

 एक पल के लिए भूल जाओ, कि तुम कौन हो। सबसे जरूरी बात अपनी पहचान को पीछे छोडते हुए खुद को हर ख्‍याल से खाली कर लो। और थोडी देर के लिए सिर्फ 'मुझे' जी लो।

'मुझे जिंदगी से कभी कुछ नहीं चाहिए था'। 

अगर मैं यह सोचता हूं, तो वो भी झूठ होगा। दरअसल वो मेरी जिंदगी का सबसे बडा झूठ होगा। मेरी हमेशा से खूब सारी इच्‍छाएं रहीं हैं। हां, यह अलग बात है कि मुझे अक्‍सर इन इच्‍छाओं को जाहिर करने के लिए शब्‍द नहीं मिल पाते । कभी मेरी आवाज धोखा दे देती, तो कभी मेरा दिल भारी हो जाता। 

लेकिन,  जिंदगी में आखिर मैं  चाहता क्‍या हूं . 

मैं आज  भी नहीं जानता। इसलिए, मझे जो चाहिए था और जिसकी मैं आज भी ख्‍वाहिश रखता हूं, उसके बारे में आज सब बताउंगा। 

आज, मैं  सच कहूंगा: तुमसे और उससे भी ज्‍यादा जरूरी , खुद से। 

मैं........मैं.......  मैं जीना चाहता हूं।

हां। मुझे एक ही जिंदगी में कई जिंदगी जीनी है। 

मैं अपने बारे में लिखना चाहता हूं और हर उस इंसान के बारे में लिखना चाहता हूं जिससे मैं कभी मिला हूं। 

उस जिंदगी का सार लिख देना चाहता हूं जिसे वास्‍तव में 'जीना' कहते हैं। उन तमाम  खुशनुमा  और दर्दभरी कहानियों को पढना चाहता हूं जो आज तक लिखी गई हैं और उनकी तारीफ करने के काबिल बनना चाहता हूं। इस उम्‍मीद में कि कुछ सीख पाउं और सिखा पाउं।

मैं सीखना और सिखाना चाहता हूं। हां, दोनों, क्‍योंकि मैं जिंदगी बदल देने वाले ऐसे कई मोड से गुजरा हूं, जिन्‍हें बांटने और समझने की जरूरत है। और, अभी मेरे पास सीखने के लिए जीवन के बदलते अनुभव और सबक हैं।

जो भी मेरे पास हैं , मैं सब बांट देना चाहता हूं । हां मैं यही करना चाहता हूं, और फिर से एक नई शुरूआत करना चाहता हूं। 

खुद को याद दिलाना चाहता हूं कि फिर शुरू करने का मतलब  क्‍या होता है। 

जिंदगी के शुरूआती मोड पर जाने का मतलब क्‍या होता है। 

मैं अकेला  होते हुए भी सबसे जुडा रहना चाहता हूं। अकेला, लेकिन किसी के साथ।

मैं एक ही समय पर सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं बनना चाहता हूं। 

मैं चाहता हूं कि 'मौत' मुझे चाहे, लेकिन वो मुझे ले ना जा सके । 

मैं चाहता हूं कि वो तब आए जब मेरी सारी ख्‍वाहिशें , सारे सपने पूरे हो जाऐं। 

मैं चाहता हूं कि मौत को मेरी उस संपन्‍न आत्‍मा की ख्‍वाहिश हो। 

मुझे ये सब चाहिए; धीरे धीरे ही सही, पर क्रमबध्‍द ढंग से, और पक्‍के तौर से। पर क्‍या ये सब संभव है;

क्‍या एक इंसान,  एक जिंदगी में ये सब हासिल कर सकता है 

.मैं नहीं जानता, पर जानना जरूर चाहता हूं।


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