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गोंड जनजाति की परंपराएं और जीवनशैली

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 गोंड जनजाति की परंपराएं और जीवनशैली परिचय "गोंड जनजाति की पारंपरिक चित्रकला" गोंड जनजाति भारत की सबसे प्राचीन और विशाल जनजातियों में से एक है, जो मुख्यतः मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में निवास करती है। गोंड शब्द 'कोंड' से बना है, जिसका अर्थ होता है 'पहाड़ी लोग'। 🏠 रहन-सहन और निवास गोंड समुदाय आमतौर पर गांवों में समूहबद्ध होकर रहते हैं। उनके घर मिट्टी और बांस की सहायता से बनाए जाते हैं और छतें पुआल की होती हैं। दीवारों को 'दिगना' नामक परंपरागत चित्रों से सजाया जाता है। 🍲 भोजन और खान-पान गोंड जनजाति का खान-पान पूरी तरह प्रकृति पर आधारित होता है। वे मक्का, कोदो, कुटकी और महुआ का उपयोग अधिक करते हैं। महुआ से बनी शराब उनके सामाजिक उत्सवों का अहम हिस्सा है। 💍 विवाह और परंपराएं गोंड समाज में विवाह एक सामाजिक आयोजन होता है। दहेज प्रथा नहीं के बराबर होती है। विवाह से पूर्व लड़का-लड़की एक-दूसरे को पसंद कर सकते हैं। विवाह गीत, नृत्य और पारंपरिक वस्त्र पूरे समारोह को रंगीन बना देते हैं। 🎨 कला और संस्कृति गोंड चित्रकला ...

जारवा जनजाति

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                                                        जारवा जनजाति हाल ही में   ग्रेेट  अंडमानी जनजाति लोगों के COVID-19 से संक्रमित पाए जाने के कारण अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के प्रशासन ने  जारवा जनजाति  (Jarawa Tribal) के लोगों के लिये  COVID-19 परीक्षण कराने का निर्णय लिया है।    मुख्‍य बिंदु अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में 6 अधिसूचित अनुसूचित जनजातियाँ (Scheduled Tribes) हैं। निकोबारी जनजाति के अलावा पाँच अन्य जनजातियों (जारवा, ओंगे, ग्रेट अंडमानी, शोम्पेन एवं सेंटीनली) को   विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) में सूचीबद्ध किया गया है। पाँच PVTGs में से अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के प्रशासन ने चार जनजातियों (जारवा, ओंगे, ग्रेट अंडमानी एवं शोम्पेन) से संपर्क किया है किंतु   सेंटीनली जनजाति  अपने क्षेत्र में किसी बाहरी व्यक्ति के आगमन पर आक्रामक ह...