भील जनजाति

  भील जनजाति भील जनजाति भारत की प्रमुख आदिवासी जनजातियों में से एक है। ये जनजाति मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, अंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में निवास करती है। भील जनजाति की अपनी विशेष सांस्कृतिक विरासत और परंपराएं हैं, जो उन्हें अन्य जनजातियों से अलग बनाती हैं। भील लोगों की जीवनशैली मुख्य रूप से गांवों में आधारित है। उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि है, लेकिन वे धान, गेहूं, जोवार, बाजरा, राजमा, और तिलहन जैसी फसलों की खेती करते हैं। इसके अलावा, उनका आर्थिक स्रोत है चिड़िया पकड़ना, जंगल से लकड़ी की खाद्य सामग्री तथा वन्यजीवों का शिकार करना। भील जनजाति की सामाजिक संरचना मुख्य रूप से समाजवादी है, जिसमें समानता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा, भील समुदाय में सांस्कृतिक गाने, नृत्य, और रंगमंच कला की अमूल्य धरोहर है। हालांकि, भील जनजाति के लोगों को अपनी शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सुधार की जरूरत है। सरकार को उनके विकास के लिए उपयुक्त योजनाओं की शुरुआत करनी चाहिए ताकी भील समुदाय के लोगों को समृद्धि और समानता का मार्ग प्र सशस्‍त ह

जारवा जनजाति

 

                                          जारवा जनजाति

हाल ही में  ग्रेेट अंडमानी जनजाति लोगों के COVID-19 से संक्रमित पाए जाने के कारण अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के प्रशासन ने जारवा जनजाति (Jarawa Tribal) के लोगों के लिये  COVID-19 परीक्षण कराने का निर्णय लिया है।  

मुख्‍य बिंदु

  • अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में 6 अधिसूचित अनुसूचित जनजातियाँ (Scheduled Tribes) हैं।
  • निकोबारी जनजाति के अलावा पाँच अन्य जनजातियों (जारवा, ओंगे, ग्रेट अंडमानी, शोम्पेन एवं सेंटीनली) को  विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) में सूचीबद्ध किया गया है।
  • पाँच PVTGs में से अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के प्रशासन ने चार जनजातियों (जारवा, ओंगे, ग्रेट अंडमानी एवं शोम्पेन) से संपर्क किया है किंतु सेंटीनली जनजाति अपने क्षेत्र में किसी बाहरी व्यक्ति के आगमन पर आक्रामक हो जाती है।  
  • नवंबर 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका के 27 वर्षीय जॉन एलेन चाउ (John Allen Chau) को सेंटीनली जनजाति के लोगों ने मार डाला जब उन्होंने उनसे संपर्क करने की कोशिश की।
  • वर्तमान में जारवा रिज़र्व (Jarawa Reserve) के पश्चिम तट में जारवा जनजाति समूह के लगभग 500 सदस्य निवास करते हैं।
  • COVID-19 के मद्देनज़र प्रशासन ने ग्रेट अंडमानी और जारवा जनजाति को क्रमशः जारवा रिज़र्व के  Strait Island और वेस्ट कोस्ट (West Coast) में स्थानांतरित कर दिया ताकि उनको बाहरी लोगों के साथ किसी भी संपर्क से बचा जा सके।
  • जारवा जनजाति को COVID-19 के किसी भी संभावित प्रसार से बचने के लिये छोटे समूहों में रहने की सलाह दी गई है।

जारवा जनजाति:

  • क्षिण अंडमान एवं मध्य अंडमान द्वीप समूह, जारवा जनजाति का निवास स्थान है।
  • वर्तमान में खानाबदोश जारवा जनजाति के लगभग 500 सदस्य 40-50 लोगों के समूहों में चड्ढा (Chaddha) में रहते हैं जिसको वे अपना घर कहते हैं।
  • व्यावसायिक गतिविधियाँ: सूअर, कछुआ, मछली, केकड़ा आदि का शिकार करना, फल, जंगली जड़ें, कंद और शहद  संग्रहित करना।
    • जारवा जनजाति को इन सबको संग्रहित करने के लिये अक्सर बाराटांग द्वीप (Baratang Island) पर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। 

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