भील जनजाति

  भील जनजाति भील जनजाति भारत की प्रमुख आदिवासी जनजातियों में से एक है। ये जनजाति मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, अंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में निवास करती है। भील जनजाति की अपनी विशेष सांस्कृतिक विरासत और परंपराएं हैं, जो उन्हें अन्य जनजातियों से अलग बनाती हैं। भील लोगों की जीवनशैली मुख्य रूप से गांवों में आधारित है। उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि है, लेकिन वे धान, गेहूं, जोवार, बाजरा, राजमा, और तिलहन जैसी फसलों की खेती करते हैं। इसके अलावा, उनका आर्थिक स्रोत है चिड़िया पकड़ना, जंगल से लकड़ी की खाद्य सामग्री तथा वन्यजीवों का शिकार करना। भील जनजाति की सामाजिक संरचना मुख्य रूप से समाजवादी है, जिसमें समानता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा, भील समुदाय में सांस्कृतिक गाने, नृत्य, और रंगमंच कला की अमूल्य धरोहर है। हालांकि, भील जनजाति के लोगों को अपनी शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सुधार की जरूरत है। सरकार को उनके विकास के लिए उपयुक्त योजनाओं की शुरुआत करनी चाहिए ताकी भील समुदाय के लोगों को समृद्धि और समानता का मार्ग प्र सशस्‍त ह

जमनालाल बजाज पुरस्कार - 2023

           जमनालाल बजाज पुरस्कार - 2023

जम्नालाल बजाज पुरस्कार: एक समर्पण भरा सम्मान

जम्नालाल बजाज पुरस्कार, जो भारतीय समाज को सेवा और समृद्धि के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित है, एक ऐसा सम्मान है जिसने विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्तियों को पुनर्निर्माण करने और समाज को सुधारने का मार्ग प्रदान किया है। इस पुरस्कार का संचालन जम्नालाल बजाज फाउंडेशन द्वारा किया जाता है और यह वास्तविकता में भारतीय समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा को प्रमोट करने का एक प्रमुख उदाहरण है।

जम्नालाल बजाज: सेवा और समृद्धि के अद्वितीय योद्धा

जम्नालाल बजाज, एक उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता, ने अपने जीवन में समृद्धि के साथ-साथ समाज के प्रति अपने समर्पण के लिए प्रसिद्ध होने का समर्थन किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में विकासशीलता की प्रोत्साहना करने और समाज में सुधार लाने के लिए अपनी भूमिका में निरंतर समर्थन किया।

जम्नालाल बजाज पुरस्कार: उदाहरण का स्रोत

जम्नालाल बजाज पुरस्कार, जिसे भारत सरकार द्वारा भी मान्यता प्राप्त है, विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता की प्रोत्साहना करने के लिए प्रतिष्ठित है। इस पुरस्कार का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करना है जो अपने क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देकर समाज को सुधारने में सक्रिय हैं।

पुरस्कार के प्रकार:

जम्नालाल बजाज पुरस्कार कई क्षेत्रों में प्रदान किया जाता है, जिनमें समाज सेवा, शिक्षा, आर्थिक समृद्धि, और सांस्कृतिक विकास शामिल हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पुरस्कार एक समृद्धि और समाज को सुधारने के सभी पहलुओं को महत्वपूर्ण मानता है।

आदर्श पुरस्कारी:

जम्नालाल बजाज पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं को समाज में एक आदर्श के रूप में स्थापित किया जाता है। इससे नए नेतृत्व, सेवा भावना, और सामाजिक समर्पण की ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे समाज में सुधार और विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।

निष्कर्ष:

जम्नालाल बजाज पुरस्कार एक महत्वपूर्ण पहल है जो उत्कृष्टता और सेवा के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों को सम्मानित करता है। यह पुरस्कार न केवल एक व्यक्ति को, बल्कि समाज को भी सीधे रूप से प्रभावित करने का एक साकारात्मक तरीका है। इसके माध्यम से हम समझते हैं कि समृद्धि और सेवा का मिलन समाज में अद्भुत परिणामों को उत्पन्न कर सकता है और हम सभी को इसमें योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।

जमनालाल बजाज फाउंडेशन, जिसकी स्‍थापना सन 1977 में हुई थी। फाउंडेशन ने भारत और विदेशों में जमनालाल बजाज के आदर्श की सेवा और प्रचार करने के लिए चार पुरस्‍कारों की स्‍थापना की। वार्षिक पुरस्‍कार फाउंडेशन की ओर से जमीनी स्‍तर पर शामिल उन महिलाओं और पुरूषों के लिए संतुष्टिदायक अभिनंदन है, जो महात्‍मा गांधी के रचनात्‍मक कार्य और कार्यक्रम के अनुरूप समावेशी विकास के लिए प्रतिबध्‍द है, और  जिन्‍होंने नि:स्‍वार्थ भाव से लोगों, अपने समुदाय और राष्‍ट्र की सेवा करने का संकल्‍प लिया है। 

इन पुरस्‍कारों में तीन राष्‍ट्रीय स्‍तर के पुरस्‍कार व एक अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर का पुरस्‍कार है। 

राष्‍ट्रीय स्‍तर का पुरस्‍कार- 

1. भारत में गांधीवादी सिध्‍दांतों का पालन करते हुए रचनात्‍मक कार्य के लिए पुरस्‍कार। 

2. ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के लिए पुरस्‍कार। 

3. महिलाओं और बच्‍चों के विकास और कल्‍याण के लिए पुरस्‍कार। 

अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर का पुरस्‍कार 

4. भारत के बाहर गांधीवादी मूल्‍यों को बढावा देने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार ।  

वर्ष 2023 में श्री रामकृष्‍ण बजाज की शताब्‍दी जयंती है, फाउंडेशन ने पुरस्‍कार की राशि 20,00,000/- की गई है। पुरस्‍कारों के लिए सलाहकार परिषद और चयन समितियॉं पुरस्‍कारों की अखंडता को बनाए रखने और फाउंडेशन के उद्देश्‍यों को बढाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। जमनालाल बजाज की जयंती 4 नवम्‍बर को होती है और इसलिए पुरस्‍कार समारोह साल के इसी समय आसपास मुंबई में आयोजित किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत के राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री, वित्‍त मंत्री, सामाजिक और आध्‍यात्मिक नेता और नोबेल पुरस्‍कार विजेता मुख्‍य अतिथि के रूप में पुरस्‍कार समारोहों में शामिल हूए है। 

शेखर बजाज, अध्‍यक्ष जमनालाल बजाज फाउंडेशन- मेरे पिताजी ने लाभ से अधिक महत्‍व नैतिकता को दिया और व्‍यावसायिक लक्ष्‍यों तथा सामाजिक कल्‍याण के बीच अभिन्‍न संबंधों को प्रमुखता दी। इनके प्रति उनकी अडिग वचनबध्‍दता के चलते जमनालाल बजाज फाउंडेशन की स्‍थापना की हुई। हम असाधारण सम्‍मानार्थियों को सम्‍मानित करने और बधाई देने के लिए आज एकत्रित हुए हैं। उनकी विशेषता न केवल उनकी उपलब्धि में निहित है बल्कि बाहरी दबावों, अहंकार और भौतिक आकर्षणों से उनकी निर्लिप्‍तता भी उनका विशेष गुण है। वे उन आदर्शों का प्रतीक हैं जिन्‍होंने 45 वर्ष पहले मेरे पिताजी को जमनालाल बजाज पुरस्‍कार का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया था। संकटों से भरी दुनिया में, हमारे सम्‍मानमूर्ति आशा की किरण बनकर खडे हैं, और यह प्रदर्शित कर रहे हैं कि आर्थिक संसाधनों से भी बढकर, मानवीय इच्‍छाशक्ति और चरित्र, परिणामों को आकार देने का सामर्थ्‍य रखते हैं। 

डॉ. आर.ए.माशेलकर, अध्‍यक्ष परामर्शदाता परिषद- हमारे गांधीवादी योध्‍दाओं ने गांधीवादी मूल्‍यों के संरक्षण, प्रचार-प्रसार और उसके अनुपालन में उत्‍कृष्‍ट योगदान दिया है। हम न केवल उनके प्रेरणादायी जीवन और कार्य को बल्कि उनके द्वारा अपनाए गए मार्ग को भी नमन करते हैं। विलक्षण धीरज और लगनशीलता से शाश्‍वत गांधीवादी मूल्‍यों के साथ सभी के लिए एक बेहतर विश्‍व का निर्माण करने के लिए उन्‍होंने एक श्रेष्‍ठ कार्य को अपनाया है। 

मुख्‍यअतिथि माननीय डॉ. न्‍यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड, भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश -

एक तरफ जहां देश स्‍वतंत्रता मिलने के बाद लडखडा गए और सच्‍चे स्‍व-शासन को लेकर संघर्ष करते रहे, वहीं भारत तनकर खडा हुआ है। लोकतंत्र को कायम रखने की हमारी क्षमता अनूठी है। कुछ लोग हमारी सर्वसमावेशकता और सांवैधानिक मूल्‍यों को इसका श्रेय देते हैं तो कुछ लोग हमारी सर्वसमावेशकता और बहुलतावादी संस्‍कृति, मानवता के रूप में हमारे लोकतंत्र की नींव की तरफ संकेत करते हैं। हमारे सम्‍मानमूर्ति की नींव की तरफ संकेत करते हैं। हमारे सम्‍मानमूर्ति जो समाज में रहकर काम करते हैं, पृष्‍ठभूमि में जाकर विशेष काबिलियत को प्रकट करते हैं, लोक कल्‍याण में योगदान देते हैं, वंचितों की सहायता करते हैं, वे एक सभ्‍य समाज के नाते हमें अलग पहचान दिला रहे हैं। इस आयोजन का हिस्‍सा बनकर मैं स्‍वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, जिसकी अपने युवा काल में मैंने खूब सराहना की है। मैं जमनालाल बजाज की शाश्‍वत विरासत और जिनकी हम शताब्‍दी मना रहे हैं ऐसे फाउंडेशन के संस्‍थापक श्री रामकृष्‍ण बजाज का ह्दय से नमन करता हूं। 

कैलाश सत्‍यार्थी, न्‍यासी जमनालाल बजाज फाउंडेशन- आज यहां पर विचारों को सुनकर, मुझे लगा की गांधीजी मर नहीं सकते, कोई गांधी को नहीं मार सकता। जहां सत्‍य है, जहॉं मुस्‍कानें फैलाने की बात होती है, जहॉं शांति, प्रेम और करूणा की चाह होती है, वहीं गांधी का वास होता है। 

वर्ष 2023 में निम्‍नलिखित 4 लोगों को पुरस्‍कार प्रदान किया गया है- 

1. डॉ. रेजी जॉर्ज और डॉ. ललिता रेजी, तमिलनाडु (रचनात्‍मक कार्य के लिए) 

2. डॉ. रमालक्ष्‍मी दत्‍ता, पश्चिम बंगाल (ग्राम विकास हेतु विज्ञान टेक्‍नोलॉजी के व्‍यावहारिक उपयोग हेतु

3. सुधा वर्गीस, बिहार (महिला और बाल विकास एवं कल्‍याण के लिए) 

4. रहा नब कुमार, बांग्‍लादेश (विदेशों में गांधीवादी मूल्‍यों के प्रसार के लिए) 

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