भील जनजाति

  भील जनजाति भील जनजाति भारत की प्रमुख आदिवासी जनजातियों में से एक है। ये जनजाति मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, अंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में निवास करती है। भील जनजाति की अपनी विशेष सांस्कृतिक विरासत और परंपराएं हैं, जो उन्हें अन्य जनजातियों से अलग बनाती हैं। भील लोगों की जीवनशैली मुख्य रूप से गांवों में आधारित है। उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि है, लेकिन वे धान, गेहूं, जोवार, बाजरा, राजमा, और तिलहन जैसी फसलों की खेती करते हैं। इसके अलावा, उनका आर्थिक स्रोत है चिड़िया पकड़ना, जंगल से लकड़ी की खाद्य सामग्री तथा वन्यजीवों का शिकार करना। भील जनजाति की सामाजिक संरचना मुख्य रूप से समाजवादी है, जिसमें समानता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा, भील समुदाय में सांस्कृतिक गाने, नृत्य, और रंगमंच कला की अमूल्य धरोहर है। हालांकि, भील जनजाति के लोगों को अपनी शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सुधार की जरूरत है। सरकार को उनके विकास के लिए उपयुक्त योजनाओं की शुरुआत करनी चाहिए ताकी भील समुदाय के लोगों को समृद्धि और समानता का मार्ग प्र सशस्‍त ह

Nowruz

 Nowruz

बहार का त्योहार - Nowruz


                  सूरज की किरणों ने आसमान को चुम लिया, और आकाश में रंग भर दिया। प्रकृति ने अपनी नई सजावट के साथ अपनी दुलार बाँटी। और हम एक नए आरंभ की ओर बढ़ रहे हैं। यही है Nowruz का त्योहार - नया जीवन, नई उम्मीदें, और नई खुशियाँ।


               Nowruz जिसे 'नव वर्ष' के रूप में भी जाना जाता है, परंपरागत रूप से फारसी और ईरानी समुदायों में मनाया जाता है। यह पर्सियन कैलेंडर के पहले दिन को चिह्नित करता है और साल का आरंभ करता है। नवरूज़ का महत्व विविधता, समृद्धि, और उत्साह का प्रतीक है।


              इस त्योहार को मनाने के लिए लोग एक अद्वितीय परंपरागत प्रक्रिया अनुसरण करते हैं। इसमें रंग-बिरंगे कपड़े पहनना, मिठाईयों का सेवन करना, और परिवार और दोस्तों के साथ मनाना शामिल है।


             Nowruz का मुख्य चिन्ह उन्मुक्ति और नई शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, खासकर खुदरा रंगों से चित्रित करते हैं, और नए कपड़े पहनते हैं। इस त्योहार के दौरान, लोग अपने प्यारे व्यक्तियों को तोहफे देते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।


               Nowruz  का त्योहार भोजन के विविध स्वाद के साथ संबंधित है। मिठाई, सब्जियाँ, और दाल के विभिन्न प्रकार के परिपूर्ण व्यंजनों की भरमार होती है। लोग एक-दूसरे के साथ भोजन का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियाँ साझा करते हैं।


Nowruz का त्योहार न केवल एक नये साल का आरंभ है, बल्कि यह एक नयी उम्मीद का भी प्रतीक है। यह समाज में एकता और सामर्थ्य का परिचय कराता है। इसके माध्यम से हम समय की प्रस्तावना करते हैं और आगामी साल में सफलता की कामना करते हैं।


Nowruz का त्योहार हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन में नई ऊर्जा के साथ नए संभावनाओं को खोजें। यह हमें एक नई दिशा देता है, जिसमें हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।


प्रश्‍न:- दुनिया  के कितने देश नॉरूज मनाते हैं?

नौरोज़ कौन मनाता है? इसकी उत्पत्ति को देखते हुए, यह उत्सव अफगानिस्तान, अजरबैजान, भारत, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, तुर्की, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान सहित महत्वपूर्ण फ़ारसी सांस्कृतिक प्रभाव वाले देशों में मनाया जाता है।


                  Nowruz , बहार का त्योहार, पर्सियन संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अवसर है जो प्रकृति के नए आरंभ को स्वागत करता है। इस उत्सव को देशों जैसे कि ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, और जिस्में बड़ी संख्या में पर्सियन समुदाय हैं, मनाया जाता है। नवरूज़ का अर्थ होता है "नया दिन" और यह सूर्य के समय का प्रतीक होता है, जो परंपरागत पर्सियन कैलेंडर के अनुसार 21 मार्च को पड़ता है।

नवरूज़ के त्योहार में, लोग उन्नति, समृद्धि, और नए आरंभ का प्रतीक मानते हैं। इस अवसर पर लोग अपने घरों को सजाते हैं, और बाग-बगीचों को सजाकर स्वागत करते हैं। यहाँ तक कि कुछ लोग अपने घरों के चारों ओर छोटे-छोटे पेड़-पौधों को उपयोग करके खुशबूदार फूलों से अलंकृत करते हैं।

नवरूज़ का त्योहार खाने-पीने की खुशियों के साथ मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे के साथ मिठाई, स्वादिष्ट खाने, और पारंपरिक परसादों का आनंद लेते हैं। इस दिन कुछ विशेष व्यंजनों की खास तैयारी की जाती है, जैसे कि सोमचाक, नखटचीन, और मेवा।

नवरूज़ के उत्सव में खास रंग-बिरंगे कपड़े पहने जाते हैं। महिलाएं भी आमतौर पर खास तौर पर नवरूज़ के लिए विशेष भूसे या साड़ियाँ पहनती हैं। यहाँ तक कि कुछ स्थानों पर, लोग नवरूज़ पर खास रंगों के कपड़े धारण करते हैं, जैसे कि सफेद, पीला, और लाल। यह स्थानीय परंपरा के रूप में भी देखा जा सकता है।

इस त्योहार का अभिन्न हिस्सा है खेल और मस्ती का माहौल। लोग एक-दूसरे के साथ नाच, गाने, और हंसी-मज़ाक का आनंद लेते हैं। यह त्योहार सामूहिकता और उत्साह का अद्वितीय माहौल उत्पन्न करता है, जो समुदाय को एक साथ लाता है।

समाप्‍ती  में, नवरूज़ एक सामर्थ्य, उत्साह, और समृद्धि का प्रतीक है। यह एक नए साल की शुरुआत को ध्यान में रखता है और लोगों को नए संभावनाओं के साथ नये दिन की शुरुआत करने के लिये अगसर करता है। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

NOWGONG CHHATARPUR ( History of Nowgong)

जिला छतरपुर के किले एवं गढियां

संत सिंगा जी महाराज